आन वसो नंदलाल, मेरे सूने मंदिर में ll छाया जिस में, घोर अँधेरा lतुम आओ तो, होवे उजियारा lतुम बिन, है सुनसान, मेरे सुने मंदिर में,,,आन वसो नंदलाल,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, घण्टे और, घड़ियाल नहीं है lसामग्री का, थाल नहीं है lमोह माया, का है जाल, मेरे सुने मंदिर में,,,आन वसो नंदलाल,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, मेरा मन, दर्वेश नहीं है lबगुले जैसा, भेस नहीं है lप्रेम …
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