आया आया सांवरिया है बन के चोरआया आया है बन के चोरसमज न पाऊ कैसे बताऊडर है कही देखे न औरके डर गई मैं मर गई मैंआया आया सांवरिया है बन के चोर…… खड़ा है वो नीचे खिड़की के पीछेउंगली है खीचे दर से मैं हो गई वनवारीगोरी से मैं हो गई सांवलीमन में तो है न ये रात बीतेबाँध …
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