कभी फुरसत हो तो सांवरिया निर्धन के घर भी आ जानाजो अपना समझ के दिया हमें कभी उसका भोग लगा जाना सुनले मेरे श्याम तू ……….. सबकी सुनता सांवरिया कब मेरी सुनने आएगाना अपना कोई इस जग में मेरा कब आके गले लगाएगाकिस्मत ने सहारा छोड़ दिया तू आके लाज बचा जानाजो अपना समझ के दिया हमें कभी उसका भोग …
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