होसला न हर ए-मुसाफिरोये जिंदगी एक नया मोड लेगीक्योकि कल फिर सुबह होगी काम की राह में जब तुम चलोगेफिर से सभी दोस्तो से गले मिलोगेये दस्तूर है जिंदगी का ठोकर तो लगेगीपर होसला ना हर ए मुसाफिरोक्योकि कल फिर सुबह होगी किसी को दुकान तो किसी को स्कूल की जल्दी होगी।फिर से वोही दोस्तो की पार्टिया होगीचल देगे बिना …
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