कान्हा जो तू मुस्काया जो हसना सिखाया मुरजाई कलि खिल गईखाटू में तेरे जो आये कलाई पकडाए तुम्हारी लाडली श्याम| कैसे भूल पाऊगीमैं बाबा हरी जो तुमने विरानिया,भूल चली बाबा मैं अपनी हां दुखो की कहानियासुन मेरे प्यारे कान्हा तू साथ निभानामैं बन गई आप की| बन गया साथ जन्मो का मिले जो दुनिया मुझे नइनाम जो कान्हा से जोड़ा …
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