कान्हा ने ऐसी है मुरली बजाईसुन ने को सारी ही गोपी है आई,तेरी मुरली बड़ी चित चोर रे,हां मेरा दिल पे नही है अब जोर रे, तेरी इस बंसी के सब है दीवानेलगता है प्यारी सी धुन जो बजाने.इक दिन तू मुझको भी मुरली बनानेअपने अधिरण पे ओह कान्हा सजा लेमेरी ईशा नही है कोई और रेमेरा दिल पे नही …
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