रंग रसिया म्हारो साजनाआयो रे आयो रे म्हारे देस कान्हा आयो रे आयो रे कान्हा आयो रेकान्हा आयो आयो आयो कान्हा आयो रे गोकुल की गलियों में रंग बरसाने आयो रेकान्हा आयो रे ……………… मैं साँची कहूं साँची मैं साँची कहूं रेसबको लुभाने सबको रिझाने छैल छबीलो आयो रेकान्हा आयो रे ……………… राधा संग विराजे वन ढोल मृदंग भी बाजेमुरली …
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आओ कन्हिया थोडी बाते करेंगे
आओ कन्हिया थोडी बाते करेंगेकुछ तेरी सुनेंगे कुछ अपनी कहेंगे जन्मों से जन्म लेकर श्याम, ये नेंन बरसते हैदर्शन बिन व्याकुल नेंन, मेरे दिन-रैन तरसते हैआओगे कन्हिया तो ये और ना बहेंगेकुछ तेरी सुनेंगे , कुछ अपनी कहेंगे सूनी-सूनी बगिया ,श्याम सूना घर आंगन है..तुम आओगे घनश्याम , जैसे कोई आया सावन है..आओ तो कन्हिया रूखे फूल भी खिलेंगेकुछ तेरी …
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