कान्हा बस इतना बता दे क्यों मुझको तरसाए,कर्मा ध्रुव तूने नरसी तारेभगत अजामिल पार उतारे तेरे दर्श को तरसे नैना क्यों न दर्श दिखाए,कान्हा बस इतना बता दे क्यों मुझको तरसाए, तेरी खातिर सब कुछ छोड़ा अपनों से मैंने नाता तोडा,गली गली बस तुम्हे पुकारू तू और बता क्या चाहेकान्हा बस इतना बता दे क्यों मुझको तरसाए, ताने सुने मैं …
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