कान्हा गोकुल आजा आके रास रचा जा,राह देखते है हुई बहुत अभेर अब करो मत देर राह देख ते हैकान्हा गोकुल आजा आके रास रचा जा, तेरे बिना माखन की मटकी अब तक छीके उपर अटकीपनियां भरन जब गोपियाँ जाएमुड मुड तेरी राहे तकतीथोडा माखन खा जा मटकी चटका जा राह देख ते हैहुई बहुत अबेर अब करो मत देर …
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आओ कन्हिया थोडी बाते करेंगे
आओ कन्हिया थोडी बाते करेंगेकुछ तेरी सुनेंगे कुछ अपनी कहेंगे जन्मों से जन्म लेकर श्याम, ये नेंन बरसते हैदर्शन बिन व्याकुल नेंन, मेरे दिन-रैन तरसते हैआओगे कन्हिया तो ये और ना बहेंगेकुछ तेरी सुनेंगे , कुछ अपनी कहेंगे सूनी-सूनी बगिया ,श्याम सूना घर आंगन है..तुम आओगे घनश्याम , जैसे कोई आया सावन है..आओ तो कन्हिया रूखे फूल भी खिलेंगेकुछ तेरी …
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