कान्हा मार गेयो पिचारी के राधा रंगा रंग हो गईकहा छिप गयो कृष्ण मुरारी के राधा रानी तंग हो गई खेलु खेलु मोरे कान्हा के संग होलीरंग दे रंग दे मोहे अपने ही रंग मेंरे तेरे नाम की मैं चुनर ओडू,कहा छिप गयो कृष्ण मुरारी के राधा रानी तंग हो गई मैं छोड़ के लाज शरम को हजा तेरे तन …
Read More »