सभी रूप में आप विराजे, त्रिलोकी के नाथ जी,”सारी दुनियाँ तुमकों पूजें, राधा जी के साथ जी” llगोविंदा रे गोविंदा रे, गोविंदा lबोलो, गोविंदा रे गोविंदा रे, गोविंदा ll रूप चतुर्भुज लगे सलोना, चारभुजा के नाथ जी lनाथ द्वारा में आप बिराजे, बन करके श्री नाथ जी llदाढ़ी में थारों हीरों चमके,, ll, मुकुट विराजे माथ जी,सारी दुनियाँ तुमकों पूजें, …
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