भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए ओ मैया तेरे दरबार, में हां तेरे दीदार की मैं आऊंगा कभी न फिर जाऊँगा… शेरावालिये नी माता ज्योता वालिए नी सच्चियाँ ज्योता वालिए, लाटा वालिए तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी, जाएं कहा यह दर छोड़ के, हां छोड़ के । तेरे ही संग बंधी भक्तो ने डोरी, सारे जहां से …
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