थाम कर हाथ ये अब छुड़ाना नहींसाँवरे टूट कर हम बिखर जायेंगेएक तूझे छोड़ दूजा ठिकाना नहींछोड़ चौखट तेरी हम किधर जाएंगेथाम कर हाथ ये। ग़म की लहरों की, तेज रफ्तार हैनाव जीवन की, मेरी,मझधार हैबन के माझी मेरे साथ रहना सदानाँव बिन माझी के पार होती कहींतेरे होते किनारे, उतर जाएंगेथाम कर हाथ ये। थक गया था मै अपनों …
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