नन्द लाला तेरा मन काला जरा मटकी मेरी छोड़ देवरना मैं ला दूंगी १०० नंबर….. रोज रोज मस्ती में छेड़े पाके मोहे अकेलीतेरे डर से सेहमी सेहमी रेहती मेरी सहेलीवनवारी सुनो गिरधारी अरे हट जा रस्ता छोड़ देवरना मैं ला दूंगी १०० नंबर….. आये गी जब पुलिस ओ छलिया करेगी खूब पिटाईवृंदावन की गली गली में होगी तेरी हसाईमन वसिया …
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