न ठोकर मार दासी हूं मैं दुनिया की सताई हूं दिए अपनो ने धोखे श्यामदिए अपनो ने धोखे श्यामयह दुनिया पैसे वालों की मैं खाली हाथ आई हूं पड़ी नैया भंवर में श्यामकिनारा दूर है मेरा खिवैया आप बन जाओ तो बेड़ा पार हो जाए मुझे अपना बना लो श्यामया इस जग से उठा लो श्यामतुम्हें पाने की हसरत में मैं बंधन तोड़ आई हूं …
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