तुम्हे कुछ दिन से देख रहा हूं, यहां रोज गोलगप्पे की रेहड़ी लगाते हो, स्कूल क्यों नहीं जाते. शर्मा जी ने सड़क किनारे रेहड़ी लगाए 14-15 साल के लड़के से कहा
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बाप ने सिखाया बेटे को सबक
पापा जी आपने पूरा घर ही गन्दा कर दिया| अभी अभी राधा ने पोछा मारा था और आपने चप्पलों के निशान छोड़ दिए| थोड़ी तो समझ होनी चाहिए आपको? आप बच्चे तो हैं नहीं बहू रिया के मुँह से ये शब्द सुनकर अनिल जी हतप्रभ से खड़े रह गए
Read More »ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे
ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे? कहता हुआ एक पंचवर्षीय बालक बाबू रामजीदास की ओर दौड़ा।बाबू साहब ने दोंनो बाँहें फैलाकर कहा
Read More »बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल
किंतु अम्मा ही बाबूजी को यह कह कर रोक देती थी कि 'कहाँ वहाँ बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल देने चलेंगे। यहीं ठीक है। सारी जिंदगी यहीं गुजरी है और जो थोड़ी सी बची है उसे भी यहीं रह कर काट लेंगे। ठीक है न!'
Read More »पूर्ण विराम
इतने सालों के बाद मेरे जीवन की मेहनत रंग लायी । आज एवार्ड लेते समय मेरी आँखों से निरन्तर खुशी के आँसू छलक रहे थे । मै कितना भी कोशिश कर रही थी परन्तु रूकने का नाम नही ले रहे थे ।
Read More »आत्मविश्वास कभी न खोना,
जब डायरेक्टर के दफ्तर के बाहर रोके गए देव आनंद, वॉचमैन ने पूछने शुरू कर दिए थे सवालदेवानंद 21 साल की उम्र में बंबई आए थे और अपने कॉन्फिडेंस के बलबूते फिल्म प्रोड्यूसर को इंप्रेस कर डाला था। देव आनंद की छवि देख कर उस वक्त वह फिल्म प्रोड्यूसर भी उन्हें देखता रह गया था।देव आनंद ने फिल्म ‘हम एक …
Read More »मेरा छोटा सा परिवार मैया आ जाओ इक बार
मेरा छोटा सा परिवार, मैया आ जाओ इक बार मैया आ जाओ फेरा पा जाओ, मेरा छोटा सा परिवार, मैया आ जाओ इक बार | मेरी बीच भंवर मैं नैया है, दाती तुम बिन कौन खिवैया है, मेरी नैया लगा दो पार, मैया आ जाओ इक बार | मतलब की दुनियाँ सारी है, पैसे की रिश्ते दारी है, मेरी मैया …
Read More »बदलाव
बूढ़े दादा जी को उदास बैठे देख बच्चों ने पूछा , “क्या हुआ दादा जी , आज आप इतने उदास बैठे क्या सोच रहे हैं ?” “कुछ नहीं , बस यूँही अपनी ज़िन्दगी के बारे में सोच रहा था !”, दादा जी बोले . “जरा हमें भी अपनी लाइफ के बारे में बताइये न …”, बच्चों ने ज़िद्द्द की . …
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