कालिंदी बेचारी ज्यादा पढ़ी लिखी तो नही थी पर !!! उस बेचारी ने बहुत कोशिश की थी कि उसके बच्चे पढ़ लिखकर उसका और उसके कुल खानदान का नाम बढ़ाएं…कालिंदी का पति बेचारा श्याम बिल्कुल “” श्याम “” जैसा ही सीधा और भोला था…उसे दुनिया की चालाकियां और चतुराई न समझ में आती थी और ना ही वह वैसा बनना …
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मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा
छोटा सा गाँव था,और छोटी सी दुकान थी उनकी। ईमानदारी से दुकान चलाते थे और इज्जत से रहते थे। तीन बेटे थे उनके, दुलीचंद,माखन और सेवा राम। गाँव में सिर्फ आठवीं तक का स्कूल था, आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता था
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