चोरी चुग़ली दामिनी,और पराई नार,जै चावै नर जीवणो, बाता तज दे चार, छैल चतुर रंग रसिया रे भँवरा,पर घर प्रीत मत कीजै,पराई प्रीत दुःख री खान है,दुनियाँ देख मत रीझें,रे बीरा म्हारा, पर घर प्रीत मत कीजै,छैल चतुर रंग रसिया रे भँवरा,पर घर प्रीत मत कीजै,पराई प्रीत दुःख री खान है,दुनियाँ देख मत रीझें,रे बीरा म्हारा, पर घर प्रीत मत …
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