किसी गांव में एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही भला था लेकिन उसमें एक दुर्गुण था वह हर काम को टाला करता था। वह मानता था कि जो कुछ होता है भाग्य से होता है। एक दिन एक साधु उसके पास आया। उस व्यक्ति ने साधु की बहुत सेवा की। उसकी सेवा से खुश होकर साधु ने पारस पत्थर …
Read More »Tag Archives: पारस
नारायण जिनके हिरदय में
नारायण जिनके हिरदय में सो कछु करम करे न करे रे .. नाव मिली जिनको जल अंदर बाहु से नीर तरे न तरे रे . पारस मणि जिनके घर माहीं सो धन संचि धरे न धरे . सूरज को परकाश भयो जब दीपक जोत जरे न जरे रे .. ब्रह्मानंद जाहि घट अंतर काशी में जाये मरे न मरे रे …
Read More »