प्यार में कान्हां जी के खोके,दिल में अपनी भक्ति जगा के,मैं बेगानी सी सो गई,प्यार में कान्हाँ जी के खोके,दिल में अपनी भक्ति जगा के,मैं बेगानी सी सो गई….. गुन गुन करती मैं फिरती हूँ,वृन्दावन की गलियों में,मीरा जैसी प्रेम में डूबी,मैं दीवानी सी हो गई,प्यार में कान्हाँ जी के खोके,दिल में अपनी भक्ति जगा के,मैं बेगानी सी सो गई…. …
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