रेल गाड़ी चलने वाले हैप्रभु जी काया की बन गई रेल….. हाथ पैर के पहिये बन गए दो नैनं के सिगनल बन गएदिल को इंजन बनाये रेल रेल गाड़ी चलने वाले हैप्रभु जी काया की बन गई रेल….. हाथ पैर के पहियाँ थक गएदो नैनं के सिंगल भुज गएदिल को इंजन है गयो फेल रेल स्टेशन पे खाड़ी हुप्रभु जी …
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