हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ मात अंग चोला साजे, हर रंग चोला साजे मात की महिमा देखो, ज्योत दिन रैना जागे तू ओढे लाल चुनरिया, गहनो से करे श्रृंगार शेरो पर करे सवारी, तू शक्ति का अवतार तेरे तेज बहरे दो नैना, तेरे अधरों पर मुस्कान तेरे द्वारे शीश झुकाये क्या निर्धन क्या बलवान तेरे ही …
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राजा रावण अपनी मूछ थोड़ी नीची कर के रे
राम शरण में ले चालूं मेरी पूछ पकड़ ले रे, राजा रावण अपनी मूछ थोड़ी नीची कर के रे । राजा हो कर चोरी सीखी, इज्जत करदी ख़ाक, भूल गयो के तेरी बहन की लक्षमण काटी नाक । थोड़ा दिन की बात है रावण खूब अकड़ ले रे राजा रावण अपनी मूछ थोड़ी नीची कर के रे ॥ सीता माता …
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माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवद्-भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती उसे ‘सुल्तान’ कह कर पुकारते, अपने …
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