थारो राम बिलखै थारी बाट निरखै भाई लाडलो जमीन ऊपर सोय रयो बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो नाही कोई दिन देख्यो देखि नाही रात नै बन बन सागे डोल्यो आंधी बरसात में म्हारे कालजे रो कोर सुध खोय रयो बाला ल्या दे रे संजीवन,मनड़ो रोय रयो रघुकुल री आन ताईं लड़यो मेघनाथ स्यूं जुल्मी ने शक्ति मारी धोके …
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