बैठ सामने तेरे बाबा तुझको रोज़ मनाता हूँगोर करोगे कभी तो बाबा सोच के अर्जी लगाता हुबैठ सामने तेरे बाबा तुझको रोज़ मनाता हूँ…… माना जहान में बाली बहुत है तभी तो तुम इतराते होमुझे भूल कर खुश जब तुम क्यों सपनों में आते होमुझसा पागल नही मिलेगा तुझको ये बतलाता हुबैठ सामने तेरे बाबा तुझको रोज़ मनाता हूँ….. दीवानों …
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