मनमोहनी है छवि ये तुम्हारी मनमोहनी है छवि ये तुम्हारी, हटती नहीं है बाबा नजरें हमारी, सर पे मुकुट और कानों में कुंडल, माथे पे हीरा आंखें ये चंचल, अधरों पे लगती मुरली है .. Read More »