स्वामी विवेकानंद एक बार कहीं जा रहे थे। रास्ते में नदी पड़ी तो वे वहीं रुक गए क्योंकि नदी पार कराने वाली नाव कहीं गई हुई थी। स्वामीजी बैठकर राह देखने लगे कि उधर से नाव लौटे तो नदी पार की जाए। एका-एक वहां एक महात्मा भी आ पहुंचे। स्वामीजी ने अपना परिचय देते हुए उनका परिचय लिया। बातों ही …
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भागवत भगवान की है आरती
भागवत भगवान की है आरती पापियों को पाप से है तारती ये अमर ग्रन्थ , यह मुक्ति पंथ , है पंचम वेद निराला , नव ज्योति जगाने वाला ! हरि ज्ञान यही , वरदान यही , जग मंगल की है आरती , पापियों को पाप से है तारती ये शांति दीप , पावन पुनीत , पापों को मिटाने वाला , …
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