भीगे है कान्हा चुनरी रंग मत डारो,भीगे है कान्हा चुनरी छलक रही गगरीमैं नाजुक ठेहरी रंग मत डारो,भीगे है कान्हा चुनरी रंग मत डारो, ग्वालो के संग कान्हा यु न सताओअंग अंग कांपे है रंग न लगाओदिखे है सारी नगरी रंग मत डारो,भीगे है कान्हा चुनरी रंग मत डारो, करुँगी शिकायत मैया से तोरी,छोडू मोरी बहियाँ न करू वर जोरीकरो …
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