मोहे भूल गए सांवरिया,आवन केह गए अजहू न आये,लीनी न मोरी खबरियामोहे भूल गए सांवरिया…… दिल को दीये क्यों दुःख बिरहा केतोड़ दिया क्यों मेहल बना केआस दिला के ओह बेदर्दी खेली काहे मचरिया,मोहे भूल गए सांवरिया…… नैन कहे रो रो के सजना,देख चुके हम प्यार का सपना प्रीत है झूठी प्रीतम झूठाझूठी है सारी नगरियामोहे भूल गए सांवरिया………. नगरी-नगरी …
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