ये माँ अंजनी का लाला, है देव बड़ा बल वाला और ना कोई कर पाया जो, वो इसने कर डाला बालापन में सुरज को जब समझ के फल था मुख में लिया बदल दिया बदल दिया था नियम सृष्टि का दिन में भी था अँधेरा किया विनती करी मिल देवों ने तब था उसे मुख से निकाला रे ये माँ …
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