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Tag Archives: प्रेमचंद

कलम का सिपाही

एक ग़रीब नौजवान को हीले से लगाना उनके लिए मुशकिल बात न थी। नवाब के बारे मे उनका ख़्याल भी अच्छा था। सीधा, सच्चा, जहीन, मेहनती लड़का है। मगर बहुत ग़रीब है। बेकन साहब ने यहाँ-वहाँ दो-एक ख़त लिखे और मुंशीजी की नियुक्ति २ जुलाई

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : विजय!!

munshee premachand kee kahaanee : vijay

शहजादा मसरूर और मलका मखमूर दोनों शादी करके काफी खुश रहने लगे। मसरूर गाय चराता और खेत जोतता, तो वहीं मखमूर खाना पकाती और चरखा चलाती। इस तरह दोनों मिलजुल कर अपना जीवन चलाते थे। दोनों अपनी इस शादी-शुदा जिंदगी से काफी खुश थे। उनके जीवन में कोई फिक्र या परेशानी नहीं थी, लेकिन जैसे हर दिन एक जैसा नहीं …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : नरक का मार्ग!!

‘भक्तमाल’ पढ़ते हुए न जाने कब नींद आ गई पता ही नहीं चला। भागवत प्रेम में ही कई महात्मा हर दम मग्न रहते थे। इस तरह की लग्न और भक्ति बड़े ही तप से प्राप्त होती है। क्या मुझसे वैसा तप नहीं हो पाएगा? जीवन में भक्ति से बड़ा क्या कोई सुख है? आभूषणों और धन-दौलत से जो प्रेम हो …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी : लैला!!

कौन है लैला, वह कहां से आई है, यह सब किसी को मालूम न था। तेहरान की चौक पर एक रोज लोगों ने खूबसूरत सुंदरी को हाथों में डफली लिए गजल गाते और झूमते देखा। देखते ही देखते पूरे तेहरान में एक खूबसूरत महिला की चर्चा होने लगी। वह कोई और नहीं, बल्कि लैला ही थी। लैला की सुंदरता को …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी: शूद्र!!

गांव के सिरे पर एक मां-बेटी झोपड़ी में रहती थी। मां विधवा थी तो बेटी कुवांरी। घर में और कोई आदमी न था। बेटी गौरा बाग से पत्तियां बटोर कर लाती तो मां गंगा भाड़ झोंकती थी। इससे सेर भर अनाज मिल जाता तो दोनों खाकर सो पड़ती थी। इसी से उनका गुजर-बसर हो रहा था। हर मां की तरह …

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मुंशी प्रेमचंद की कहानी: अपनी करनी!!

ओह हो! मेरे ही कर्मों की वजह से आज मैं इतना अभागा महसूस कर रहा हूं। मेरे ऊपर आज अपमान भी हंसता होगा, क्योंकि मैंने खुद अपने हाथों से सब कुछ उजाड़ दिया। एक साल पहले मैं इतना किस्मत वाला था, क्या ही कहूं। आराम की जीवन, अच्छी सेहत, पत्नी और दो प्यारे बच्चे, ऊंचा घराना उसपर पढ़ा-लिखा होने के …

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