बहुत समय पहले की बात है. एक बार एक गुरु जी गंगा किनारे स्थित किसीगाँव में अपने शिष्यों के साथ स्नान कर रहे थे . तभी एक राहगीर आया और उनसे पूछा , ” महाराज, इस गाँव में कैसे लोग रहते हैं, दरअसल मैं अपने मौजूदा निवास स्थान से कहीं और जाना चाहता हूँ ?” गुरु जी बोले, ” जहाँ तुम …
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शिवाराधना से दैत्यगुरु शुक्राचार्य को संजीवनी विद्या की प्राप्ति
एक बार दैत्यों के आचार्य शुक्र को अपने शिष्यों दानवों का पराभव देखकर बहुत दुख हुआ और उन्होंने तपस्यों बल से देवों को हराने की प्रतिज्ञा की तथा वे अर्बुद पर्वत पर तपस्या करने चले गए। वहां उन्होंने भूमि के भीतर एक सुरंग में प्रवेश कर ‘शुक्रेश्वर’ नामक शिव लिंग की स्थापना की और प्रतिदिन श्रद्धाभक्तिपूर्वक षोडशोपचार से भगवान …
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