प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि सादर भारत शीश धरी लीन्ही राम भक्त ले चला रे राम की निशानी, शीश पर खड़ाऊँ, अँखिओं में पानी । शीश खड़ाऊ ले चला ऐसे, राम सिया जी संग हो जैसे । अब इनकी छाव में रहेगी राजधानी, राम भक्त ले चला रे राम की निशानी ॥ पल छीन लागे सदिओं जैसे, चौदह वरष कटेंगे …
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मोर च्छड़ी लहराई रे ससस्स, रसिया ओह सांवरा
मोर च्छड़ी लहराई रे ससस्स, रसिया ओह सांवरा, तेरी बोहोट बड़ी सक्लाई रे, ओह ससस्स, मोर च्छड़ी लहराई रे ससस्स, रसिया ओह सांवरा, तेरी बोहोट बड़ी सक्लाई रे, ओह ससस्स, मोर च्छड़ी का जादू निराला, इसको थामे है ख़ातुवला, लीले चढ़के दौरा ये आए, मोर च्छड़ी का जादू निराला, इसको थामे है ख़ातुवला, लीले चढ़के दौरा ये आए, सारे संकट …
Read More »बार- बार मई तुम्हे पुकारू, सुनलो लख़्ड़ातार
बार- बार मई तुम्हे पुकारू, सुनलो लख़्ड़ातार, नैया हमारी श्याम, आके लगाओ पार, बार- बार मई तुम्हे पुकारू, सुनलो लख़्ड़ातार, नैया हमारी श्याम, आके लगाओ पार, सुना है मैने नाम, बड़े तुम दानी हो, ऐसा सुंदर रूप, बड़े तुम सांई हो, तंन केसरिया बागा सोहे, कैसा है सृंगार, बार- बार मई तुम्हे पुकारू, सुनलो लख़्ड़ातार, नैया हमारी श्याम, आके लगाओ …
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