हम गुन्हेगार है तेरे श्याम बरसो से,मांगते है शमा तुझसे तेरे भगतो से, तूने श्रिष्टि की खातिर था शीश का दान दिया,तूने धर्म की रक्षा की सबका कल्याण किया,वीरो के वीर थे तुम सूर वीर थे,याचक बने श्री कृष्ण तुम तो दान वीर थे,धर्म जो तूने हमे सिखलाया,कर्म जो तूने करके दिखलया,भूल बैठे है सारे आज देखो कलयुग में,हम तो …
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