एक बार की बात है एक बढ़ई था। वह दूर किसी शहर में एक सेठ के यहाँ काम करने गया। एक दिन काम करते-करते उसकी आरी टूट गयी। बिना आरी के वह काम नहीं कर सकता था, और वापस अपने गाँव लौटना भी मुश्किल था, इसलिए वह शहर से सटे एक गाँव पहुंचा। इधर-उधर पूछने पर उसे लोहार का पता …
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हे अंजनी पुत्र हे मारुती इतनी बिनती सवीकार करो
हे अंजनी पुत्र हे मारुती इतनी बिनती सवीकार करो । इस मन मंदिर में बस जाओ मुझ निर्बल का उद्दार करो ॥ मैंने तो सुना है हे हनुमंत तुम दुखियों के दुःख हर्ता हो, आ जाए कोई जो तुम्हारी शरण बन जाते तुम सुख करता हो । दुःख के इस जीवन सागर से मेरी नैया भी पार करो, हे अंजनी …
Read More »रसगुल्ले की जड़
मध्य पूर्वी देश से एक ईरानी शेख व्यापारी महाराज कृष्णदेव राय का अतिथि बन कर आता है। महाराज अपने अतिथि का सत्कार बड़े भव्य तरीके से करते हैं और उसके अच्छे खाने और रहने का प्रबंध करते हैं, और साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी प्रदान करते हैं। एक दिन भोजन पर महाराज का रसोइया शेख व्यापारी के लिए रसगुल्ले …
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