स्वामी विवेकानंद बचपन से ही बुद्धिमान थे। उनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली था। उनके बचपन का नाम नरेंद्र था। जब भी वो किसी साथी से बात करते तो वह तल्लीनता से उनकी बातों को सुनते थे। एक बार ऐसी ही स्थिति में शिक्षक कक्षा में आ गए और पढ़ाना शुरू कर दिया। छात्रों के पता ही नहीं चला। शिक्षक ने …
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