मान मंदिर की ज्यवटी जगाडो, घाट घाट बसी रे मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी ना दिखे सूरत तेरी यौग बीते ना आई मिलन की पुरानामसी रे द्वार दयाअ का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले अँधा देखे लंगड़ा चल कर पहुँचे कसी रे पानी पी कर प्याअस बूझौं, नैनों को कैसे समझाओन आँख मिचौली छ्चोड़ो अब मान …
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Andhaa ghodaa/अँधा घोड़ा
शहर के नज़दीक बने एक farm house में दो घोड़े रहते थे. दूर से देखने पर वो दोनों बिलकुल एक जैसे दीखते थे , पर पास जाने पर पता चलता था कि उनमे से एक घोड़ा अँधा है. पर अंधे होने के बावजूद farm के मालिक ने उसे वहां से निकाला नहीं था बल्कि उसे और भी अधिक सुरक्षा और आराम …
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