Breaking News

Tag Archives: Anger

क्रोध अकेला नहीं आता

सभी धर्मों में क्रोध को सर्वनाश का प्रमुख कारण बताया गया है। महाभारत में कहा गया है कि निद्रां तंद्रा भयं क्रोधः आलस्यं दीर्घसूत्रिता। इसलिए आलस्य एवं क्रोध आदि दुर्गुणों को छोड़ने में ही कल्याण है। क्रोध के कारण मानव आवेश में आकर विवेक खो बैठता है तथा उसका दुष्परिणाम कई बार अत्यंत घातक होता है। आचार्य महाप्रज्ञ ने लिखा …

Read More »

क्रोध से सर्वनाश

सभी धर्मग्रंथों में काम, क्रोध और लोभ को पतन का कारण बताया गया है। भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मनः। कामः क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेत वयं त्यजेत॥' अर्थात् काम, क्रोध और लोभ नरक के द्वार हैं। ये तीनों आत्मा को नष्ट कर देते हैं, इसलिए इनको त्यागना ही उचित है। इच्छाओं की पूर्ति में बाधा आने से अनायास क्रोध पनपता …

Read More »

खून का असर

राजा के दरबार मे एक आदमी नौकरी मांगने के लिए आया,उससे उसकी क़ाबलियत पूछी गई तो वो बोला,मैं आदमी हो चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ….. राजा ने उसे अपने खास “घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज” बना दिया…..कुछ ही दिन बाद राजा ने उससे अपने सब से महंगे और मनपसन्द घोड़े के बारे में पूछा …

Read More »

संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु ‘World’s most powerful thing’

एक दिन गुरुकुल के शिष्यों में इस बात पर बहस छिड़ गयी कि आखिर इस संसार की सबसे शक्तिशाली वस्तु क्या है ? कोई कुछ कहता, तो कोई कुछ…जब पारस्परिक विवाद का कोई निर्णय ना निकला तो फिर सभी शिष्य गुरुजी के पास पहुँचे। सबसे पहले गुरूजी ने उन सभी शिष्यों की बातों को सुना और कुछ सोचने के बाद बोले-तुम …

Read More »

जब पत्नी से हो जाए झगड़ा तो ऐसे मनाएं

जब पत्नी से हो जाए झगड़ा तो ऐसे मनाएं

अरस्तु की पत्नी का स्वभाव बहुत ही झगड़ालू था। वह क्रोधी स्वभाव की महिला थीं, एक शाम अरस्तु काफी देर से घर लौटे । पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान था। अरस्तू के घर में कदम रखते ही वह जोर-जोर से पति को भला बुरा कहने लगी। अरस्तू मानव स्वभाव के गहन पारखी थे। उन्होंने गुस्से से भरी पत्नी के वचनों …

Read More »

बाल समय रबि भक्षि लियो

Khate Hai Bhagwan Story

एक बार की बात है माता अंजना हनुमान जी के कुटी में लिटाकर कहीं बाहर चली गयीं। थोड़ी देर में इन्हें बहुत तेज भूख लगी। इतने में आकाश में सूर्य भगवान उगते हुए दिखलायी दिए। इन्होंने समझा ये कोई लाल-लाल सुंदर मीठा फल है। बस, एक ही छलांग में ये सूर्य भगवान के पास जा पहुंचे और उन्हें पकड़कर मुंह …

Read More »

हार-जीत का फैसला !

बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ मेँ निर्णायक थीँ- मंडन मिश्र की धर्म पत्नी देवी भारती। हार-जीत का निर्णय होना बाक़ी था, इसी बीच देवी भारती को लेकिन जाने से पहले देवी भारती नेँ दोनोँ ही विद्वानोँ के गले मेँ एक-एक फूल माला डालते हुए कहा, येँ दोनो मालाएं मेरी …

Read More »

भक्ति की अद्भुत पराकाष्ठा की मिसाल भगवान हनुमान

Bhagavaan hanumaan

  लंका मे रावण को परास्त करने के बाद श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान के साथ अयोध्या लौट चुके थे। प्रभु राम के आने की खुशी में पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल था। राजमहल में राज्याभिषेक की तैयारियां चल रही थी।राज्याभिषेक के बाद जब लोगों को उपहार बांटे जा रहे थे तभी माता सीता ने हनुमान जी से …

Read More »