खुद तो बाहर ही खड़े रहे, भीतर भेजा पांचाली को; यतिवर बाबा के चरणों में, जाकर अपना मस्तक रख दो । अर्धरात्रि की बेला में, भीषम की लगी समाधी थी; मन प्रभु चरणों में लगा हुआ, उस जगह न कोई व्याधा थी । कृष्णा ने जाकर सिर रक्खा, चरणों पर भीष्म पितामह के; चरणों पर कौन झुका, देखूँ, बाबा भीषम …
Read More »Tag Archives: ardharaatri
खुद तो बाहर ही खड़े रहे
खुद तो बाहर ही खड़े रहे, भीतर भेजा पांचाली को; यतिवर बाबा के चरणों में, जाकर अपना मस्तक रख दो । अर्धरात्रि की बेला में, भीषम की लगी समाधी थी; मन प्रभु चरणों में लगा हुआ, उस जगह न कोई व्याधा थी । कृष्णा ने जाकर सिर रक्खा, चरणों पर भीष्म पितामह के; चरणों पर कौन झुका, देखूँ, बाबा भीषम …
Read More »