महाभारत में पाण्डव विजयी हुए । छावनी के पास पहुंचने पर श्रीकृष्णने अर्जुन से कहा कि ‘हे भरतश्रेष्ठ ! तू अपने गाण्डीव धनुष और दोनों अक्षय भाथों को लेकर पहले रथ से नीचे उतर जा । मैं पीछे उतरूंगा, इसी में तेरा कल्याण है ।’ यह आज नयी बात थी, परंतु अर्जुन भगवान के आज्ञानुसार नीचे उतर गये, तब …
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रक्षक प्रभु
इन्द्र से वरदान में प्राप्त एक अमोघ शक्ति कर्ण के पास थी । इन्द्र का कहा हुआ था कि इस शक्ति को तू प्राणसंकट में पड़कर एक बार जिस पर भी छोड़ेगा, उसी की मृत्यु हो जाएंगी, परंतु एक बार से अधिक इसका प्रयोग नहीं हो सकेगा । कर्ण ने वह शक्ति अर्जुन को मारने के लिए रख छोड़ी …
Read More »भगवान श्रीकृष्ण और भावी संसार
भरतखण्ड का इतिहास महाभारत की ही शाखा है । महाभारत का अर्थ है महान भारतवर्ष । हमलोग भारतवर्ष को महान देखना चाहते हैं । महाभारत के समय से ही धर्मराज्य की स्थापना के लिये संग्राम जारी है । भगवान श्रीकृष्ण का जिस समय अवतार हुआ, उस समय यह संग्राम जोरों पर था । भगवान श्रीकृष्ण का अवतार एक विशेष …
Read More »गुरुभक्ति के लिए एकलव्य का त्याग
निषादराज हिरण्यधनु का पुत्र एकलव्य एक दिन हस्तिनापुर में आया और उसने उस समय के धनुर्विद्या के सर्वश्रेष्ठ आचार्य, कौरव-पाण्डवों के शस्त्र-गुरु द्रोणाचार्य जी के चरणों में दूर से साष्टांग प्रणाम किया। अपनी वेश-भूषा से ही वह अपने वर्ण की पहचान दे रहा था। आचार्य द्रोण ने जब उससे अपने पास आने का कारण पूछा, तब उसने बताया—‘मैं श्रीचरणों के …
Read More »द्रौपदी- स्वयंवर की कथा
राजा द्रुपद के मन में यह लालसा थी कि मेरी पुत्री का विवाह किसी-न- किसी प्रकार अर्जुन के साथ हो जाये। परन्तु उन्होनें यह विचार किसी से प्रकट नहीं किया। अर्जुन को पहचानने के लिये उन्होनें एक धनुष बनवाया, जो किसी दूसरे से झुक न सके। इसके अतिरिक्त्त आकाश में ऐसा कृत्रिम यन्त्र टँगवा दिया, जो चक्कर काटता रहता था। …
Read More »आकर भक्ती सीखना हमारे कीर्तन मे
आप भी आना संग ग्वालों को भी लाना आकर माखन खाना हमारे कीर्तन मे आप भी आना संग अर्जुन को भी लाना आकर ज्ञान सीखना हमारे कीर्तन मे आप भी आना संग मीयर्रा को भी लाना आकर भक्ती सीखना हमारे कीर्तन मे [To English wish4me] Aap Bhi Aana Sang Gvalon Ko Bhi Lana Aakar Maakhan Khana Hamare Kirtan Me Aap …
Read More »आकर ज्ञान सीखना हमारे कीर्तन मे
आप भी आना संग ग्वालों को भी लाना आकर माखन खाना हमारे कीर्तन मे आप भी . संग अर्जुन को भी लाना आकर ज्ञान सीखना हमारे कीर्तन मे आप भी आना संग मीयर्रा को भी लाना आकर भक्ती सीखना हमारे कीर्तन मे [To English Wish4me] Aap Bhi Aana Sang Gvalon Ko Bhi Lana Aakar Maakhan Khana Hamare Kirtan Me Aap …
Read More »अभिमन्यु महाभारत महाकाव्य का अद्भुत पात्र है
अर्जुन एवं सुभद्रा का पुत्र अभिमन्यु महाभारत महाकाव्य का अद्भुत पात्र है। भगवान श्रीकृष्ण का यह भानजा अर्जुन के समान ही श्रेष्ठ धनुर्धन था। यह वीर्य में युधिष्ठिर के समान, आचार में श्रीकृष्ण के समान, भयंकर कर्म करने वालों में भीम के समान, विद्या- पराक्रम में अर्जुन के समान था। अभिमन्यु का विवाह महाराज विराट की पुत्री उत्तरा के साथ …
Read More »सबसे बड़ा धनुर्धर
बहुत सी तीरंदाजी प्रतियोगिताएँ जीतने के बाद एक नौजवान तीरंदाज खुद को सबसे बड़ा धनुर्धर मानने लगा । वह जहाँ भी जाता लोगों को उससे मुकाबला करने की चुनौती देता, और उन्हें हरा कर उनका मज़ाक उड़ाता । एक बार उसने एक प्रसिद्द ज़ेन मास्टर को चुनौती देने का फैसला किया और सुबह -सुबह पहाड़ों के बीच स्थित उनके मठ जा पहुंचा । …
Read More »द्रौपदी और भीष्मपितामह
महाभारत का युद्ध चल रहा था। भीष्मपितामह अर्जुन के बाणों से घायल हो बाणों से ही बनी हुई एक शय्या पर पड़े हुए थे। कौरव और पांडव दल के लोग प्रतिदिन उनसे मिलना जाया करते थे। एक दिन का प्रसंग है कि पांचों भाई और द्रौपदी चारो तरफ बैठे थे और पितामह उन्हें उपदेश दे रहे थे। सभी श्रद्धापूर्वक उनके उपदेशों …
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