शाम का समय था। महात्मा बुद्ध एक शिला पर बैठे हुए थे। वह डूबते सूर्य को एकटक देख रहे थे। तभी उनका शिष्य आया और गुस्से में बोला, ‘गुरुजी ‘रामजी’ नाम के जमींदार ने मेरा अपमान किया है। आप तुरंत चलें, उसे उसकी मूर्खता का सबक सिखाना होगा। महात्मा बुद्ध मुस्कुराकर बोले, ‘प्रिय तुम बौद्ध हो, सच्चे बौद्ध का अपमान …
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अहंकार
एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वाभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार था।उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को शरारत सूझी। वे सब उस जुलाहे के पास यह सोचकर पहुँचे कि देखें इसे गुस्सा कैसे नहीं आता ? उन में एक लड़का धनवान माता-पिता का पुत्र था। वहाँ पहुँचकर वह बोला …
Read More »एक बॉस की कहानी लेकिन उसने क्यों कहा, ‘कल उत्तर दूंगा’
एक कंपनी का बॉस यात्रा के दौरान गांव से गुजरा । कुछ लोगों ने उन्हें अपशब्द कहने के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरु कर दिया। इस पर बॉस ने कहा, मैं कल आकर उत्तर दूंगा। लोग बहुत हैरान हुए। फकीर से उन्होंने कहा, ‘हमने तुम्हारा अपमान किया है, तुम्हारे बारे में अभद्र बातें कहीं । तुम हमसे झगड़ने की बजाए …
Read More »मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं
एक दिन स्वामी विवेकानंद एक अंग्रेज मि.मूलर के साथ टहल रहे थे। उसी समय एक पागल सांड तेजी से उनकी ओर बढ़ने लगा। अंग्रेज सज्जन भाग कर पहाड़ी के दूसरी छोर पर जा खड़े हुए। स्वामीजी ने उन्हें सहायता पहुंचाने का कोई और उपाय न देख खुद सांड के सामने खड़े हो गए। तब मिस्ट मूल देखकर दंग रह गए। …
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