‘भैषज्य’ शब्द भेषज शब्द से स्वार्थ में ’अनन्तावसथेतिहभेषजाञ्ञ्य:’ । इस सूत्र से ‘ज्य’ प्रत्यय करने पर सिद्ध होता है । वैद्यक – रत्नमाला के इस वचन से ज्ञात होता है कि भैषज्य एवं भेषज – ये दोनों पर्यायवाची शब्द हैं । ‘भेषज’ शब्द की व्युत्पत्ति दो प्रकार से की जाती है – 1) ‘भिषक वैद्यस्तस्येदम’ इस अर्थ में अण् प्रत्यय …
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