“पापा जी ! पंचायत इकठ्ठी हो गई , अब बँटवारा कर दो।” कृपाशंकर जी के बड़े लड़के गिरीश ने रूखे लहजे में कहा। “हाँ पापा जी ! कर दो बँटवारा अब इकठ्ठे नहीं रहा जाता” छोटे लड़के कुनाल ने भी उसी लहजे में कहा। पंचायत बैठ चुकी थी, सब इकट्ठा थे। कृपाशंकर जी भी पहुँचे। “जब साथ में निर्वाह न …
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