अभिभावकों को चाहिए कि वे अपनी संतान की संभाल में तनिक भी उपेक्षा न आने दें । इनके द्वारा की गयी थोड़ी भी उपेक्षा संतान के लिए घातक बन जाती है । सुनीथा मृत्यु देवता की कन्या थी । बचपन से ही वह देखती आ रही थी कि उसके पिता धार्मिकों को सम्मान देते हैं और पापियों को दण्ड । …
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तेरे मानमे राम
तेरे मन मे राम, तन्मे राम, रोम रोममे राम रे राम सुमिरले ध्यान लेगले, चोरह जगातके काम रे बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम जे2 ||1|| माया मे तू उलझा उलझा, धार धार धूल उरहाए अब केरता क्यू मान भारी जब माया साथ चुरहाए दिन तो बीता दौरह धूप मे, ढाल जाए ना शाम रे ||2|| टंके भीतर …
Read More »चली जा रही है उमर धीरे धीरे
ली जा रही है उमर धीरे धीरे चली जा रही है उमर धीरे धीरे पल पल यो आठो पहर धीरे धीरे पल पल यो आठो पहर धीरे धीरे चली जा रही है उमर धीरे धीरे चली जा रही है उमर धीरे धीरे पल पल यो आठो पहर धीरे धीरे पल पल यो आठो पहर धीरे धीरे चली जा रही है …
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