बैठे हो क्यों ओ सांवरे हमसे निगाहें फेर करकुछ तो इशारा कीजियेअपने गले लगाइये गलती हमारी भूल करअपनी शरण में लीजियेबैठे हो क्यों ओ सांवरे …………. मेरा वजूद कुछ नहीं तेरे बिना ओ सांवरेपायी है धूम में सदा मैंने तुम्ही से छाँव रेबैठे हो क्यों ओ सांवरे …………. कल भी तुम्हारी आस थी अब भी तुम्हारी आस हैजग के गरज …
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