जब से तोरे संग नेहा लागे कान्हा दूजा नाहिं मन भायो दूजा नाहीं मन भायो मनवा मोरा इत उत डोलत इक पल चैन न पाए तोरी प्रीत की डोरी संग बंध इत उत जा ना पाए चरणों में मुझे ले लो प्रभुजी अब ना भटका जाए आ जा रे मोरे कान्हा आ जा रे (३) दोउ नैना बाट निहारे तोरी …
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