अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… उद्धार पतन अब मेरा है भगवान तुम्हारे हाथों में … हम तुमको कभी नहीं भजते, फिर भी तुम हमें नहीं तजते. अपकार हमारे हाथों में, उपकार तुम्हारे हाथों में.. अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… हम में तुम में है भेद यही, हम नर …
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भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना
भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना । अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना ॥दल बल के साथ माया, घेरे जो मुझ को आ कर । तुम देखते ना रहना, झट आ के बचा लेना ॥ भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना । संभव है झंझटों में मैं तुझ को भूल जाऊं । पर नाथ कहीं …
Read More »अब मुझे राम भरोसा तेरा
अब मुझे राम भरोसा तेरा ॥ गूंजे मधुमय नाम की ध्वनि नाभि के धाम ह्रदय मस्तक कमल में राम राम श्री राम ॥ मुझे भरोसा राम का रहे सदा सब काल दीनबन्धु वह देव है हितकर दीन दयाल ॥ पकड़ शरण अब राम की सुदृढ निश्चय साथ तज कर चिंता मैं फिरूँ पा कर उत्तम नाथ ॥ अब मुझे राम …
Read More »अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… उद्धार पतन अब मेरा है भगवान तुम्हारे हाथों में … हम तुमको कभी नहीं भजते, फिर भी तुम हमें नहीं तजते. अपकार हमारे हाथों में, उपकार तुम्हारे हाथों में.. अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार तुम्हारे हाथों में… हम में तुम में है भेद यही, हम नर …
Read More »दुख हरो द्वारिकानाथ
तुम कहाँ छुपे भगवान करो मत देरी | दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी || दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी || यही सुना है दीनबन्धु तुम सबका दुख हर लेते | जो निराश हैं उनकी झोली आशा से भर देते || अगर सुदामा होता मैं तो दौड़ द्वारका आता | पाँव आँसुओं से धो कर मैं मन की आग …
Read More »Andhaa ghodaa/अँधा घोड़ा
शहर के नज़दीक बने एक farm house में दो घोड़े रहते थे. दूर से देखने पर वो दोनों बिलकुल एक जैसे दीखते थे , पर पास जाने पर पता चलता था कि उनमे से एक घोड़ा अँधा है. पर अंधे होने के बावजूद farm के मालिक ने उसे वहां से निकाला नहीं था बल्कि उसे और भी अधिक सुरक्षा और आराम …
Read More »बहू ने जो कहा,उसे सुनकर मा की आँखो म आँसू आ गए(Bahu ne jo kahaa, use sunakar maan kee aankhon men aansoo aa gae)
बेटा-बहु अपने बैडरूम में बातें कर रहे थे। द्वार खुला होने के कारण उनकी आवाजें बाहर कमरे में बैठी माँ को भी सुनाई दे रहीं थीं। बेटा—” अपने job के कारण हम माँ का ध्यान नहीं रख पाएँगे, उनकी देखभाल कौन करेगा ? क्यूँ ना, उन्हें वृद्धाश्रम में दाखिल करा दें, वहाँ उनकी देखभाल भी होगी और हम भी कभी …
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