172 साल पुराने इस मंदिर के एक एकड़ में फैली 32 कमरों वाली इस विशाल रसोई (150 फ़ीट लंबी, 100 फ़ीट चौड़ी और 20 फ़ीट ऊँची) में भगवान् को चढ़ाये जाने वाले महाप्रसाद को तैयार करने के लिए 752 चूल्हे इस्तेमाल में लाए जाते हैं…और लगभग 500 रसोइए तथा उनके 300 सहयोगी काम करते हैं….ये सारा प्रसाद मिट्टी की जिन …
Read More »Tag Archives: bhagavaan
भगवान का दोस्त होना कोई मुश्किल काम नहीं.
एक बच्चा जला देने वाली गर्मी में नंगे पैर गुलदस्ते बेच रहा था . लोग उसमे भी मोलभाव कर रहे थे। . एक सज्जन को उसके पैर देखकर बहुत दुःख हुआ, सज्जन ने बाज़ार से नया जूता ख़रीदा और उसे देते हुए कहा बेटा | लो, ये जूता पहन लो . लड़के ने फ़ौरन जूते निकाले और पहन लिए . …
Read More »भगवान् श्री कृष्ण के लिये समर्पित
मित्रों, मीराबाई भक्तिकाल की एक ऐसी संत हैं, जिनका सब कुछ भगवान् श्री कृष्ण के लिये समर्पित था, यहां तक कि श्रीकृष्ण को ही वह अपना पति मान बैठी थीं, भक्ति की ऐसी चरम अवस्था कम ही देखने को मिलती है, सज्जनों! आज हम श्रीकृष्ण की दीवानी मीराबाई के जीवन की कुछ रोचक बातों को भक्ति के साथ आत्मसात करने …
Read More »जहां धर्म वहां विजय
दोस्तों आज हम बात कर रहे हैं धर्म के बारे में। धर्म ही हमें जीना सिखाता है, हमें सही मार्ग पर चलना सिखाता है। या फिर कह सकते हैं कि धर्म इंसान के लिए ही बना है। संसार में बहुत सारे धर्म हैं। सभी धर्म हमें इंसानियत सिखाते हैं। धर्म कोई भी हो हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। …
Read More »Janaki Mandir
At the heart of Janakpur lies the marble Janaki Mandir, one of the finest pieces of architecture in Nepal. Built in extravagant baroque Mughal style that leaves it looking like a palace made of sweets, the Janaki Mandir is Janakpur’s most important temple and is dedicated to Sita, the wife of Rama and heroine of the Ramayana. It’s believed to …
Read More »स्वार्थरहित होकर किया गया दान ही श्रेष्ठ
महाभारत में एक कथा है, जो सच्ची दानवीरता की मिसाल है। एक बार की बात है कुरु युवराज दुर्योधन के महल के द्वार पर एक भिक्षुक आया और दुर्योधन से बोला- राजन, मैं अपनी वृद्धावस्था से बहुत परेशान हूं। चारों धाम की यात्रा करने का प्रबल इच्छुक हुं, जो युवावस्था के ऊर्जावान शरीर के बिना संभव नहीं है। इसलिए आप …
Read More »मंगलवार व्रत की कथा
भगवान शिव के एकादश रुद्रावतारों में से एक हैं हनुमानजी। कलयुग में हनुमान जी उपासना से शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। यदि सच्चे मन से महाबली पवन पुत्र की आराधना की जाए तो वह अपने भक्त का हर मनोरथ पूर्ण कर देते हैं। प्राचीन समय की बात है किसी नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति रहते थे उनके कोई संतान …
Read More »अंतिम झांकी
जब भगवान श्रीकृष्ण जी ने देखा कि समस्त यदुवंशियों का संहार हो चुका है,तब उन्होंने संतोष की सांस ली कि पृथ्वी का बचा-खुचा भार भी उतर गया।अब मेरे अवतार का कार्य पूर्ण हो चुका है। बलराम जी ने भी समुद्रतट पर बैठकर एकाग्र चित्त से परमात्मा का चिंतन करते हुए अपनी आत्मा को आत्मस्वरूप में स्थिर कर लिया और मनुष्य …
Read More »स्वधर्म पर दृढ़ रहने से प्राप्त होते हैं सुपरिणाम
एक दिन वन में प्यास से व्याकुल हो भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव पानी की तलाश में एक सरोवर पर पहुंचे, किंतु जैसे ही उन्होंने पानी पिया, तत्क्षण चारों की मृत्यु हो गयी। इधर युधिष्ठिर उन्हें खोजने के लिए निकले, तो चारों को सरोवर के किनारे मृत अवस्था में देखकर अत्यधिक दु:खी हुए। हताश युधिष्ठिर काफी देर तक शोकमग्न अवस्था …
Read More »काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग वाराणसी (Kashi Vishwanath Temple, Varanasi) जनपद के काशी नगर में अवस्थित है। कहते है, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भोले बाबा के त्रिशूल पर विराजती है। इस मंदिर को कई बार बनाया गया। नवीनतम संरचना जो आज यहां दिखाई देती है वह 18वीं शताब्दी में बनी थी। कहा जाता है कि एक बार …
Read More »