धुन- बचपन की मोहब्बत को भगवान मेरी नईया, उस पार लगा देना,अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना ll हम दीन दुखी निर्बल, नित नाम रहे प्रति पल lयह सोच दरस दोगे, प्रभु आज नही तो कल lजो बाग लगाया है, फूलों से सजा देना,भगवान मेरी नईया……………………. तुम शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान दिवाकर हो lमम हँस चुगे …
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