भीष्म पितामह की जीवन गाथा माघ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को प्रतिवर्ष भीमाष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भीष्म पितामह ने अपने शरीर को छोडा़ था, इसीलिए यह दिन उनका निर्वाण दिवस है। पौराणिक कथा के अनुसार- भीष्म पितामह का असली नाम देवव्रत था। वे हस्तिनापुर के राजा शांतनु की पटरानी गंगा की कोख से …
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