जय रघुनन्दन जय सियाराम जय रघुनन्दन जय सियाराम | हे दुखभंजन तुम्हे प्रणाम ||भ्रात भ्रात को हे परमेश्वर, स्नेह तुन्ही सिखलाते | नर नारी के प्रेम की ज्योति जग मे तुम्ही जलाते | ओ नैया के खेवन हारे, जपूं मै तुमरो नाम || तुम्ही दया के सागर प्रभु जी, तुम्ही पालन हारे | चैन तुम्ही से पाए बेकल मनवा सांझ …
Read More »